श्यामनन्दन किशोर
श्यामनन्दन किशोर जी की कविता सागर पर प्रेषित हुई रचनाएँ :
मैं मधुर भी, तिक्त भी हूँ
अन्तरंग
कहीं गरजे कहीं बरसे
चीख उठा भगवान
कफन फाड़कर मुर्दा बोला
हिन्दी साहित्य के समुद्र की अंतहीन गहराइयों से चुनी कुछ मधुर रचनाएँ
श्यामनन्दन किशोर जी की कविता सागर पर प्रेषित हुई रचनाएँ :
1 टिप्पणियाँ:
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