शनिवार, फ़रवरी 19, 2005

भवानीप्रसाद मिश्र

(२९ मार्च १९१३ - २० फरवरी १९८५)

  • आरंभिक शिक्षा होशंगाबाद में।
  • बी. ए. किया जबलपुर के राबर्टसन कॉलेज से।
  • 'भारत छोड़ो आंदोलन' (१९४२) के दौरान १३ अगस्त को बैतूल में गिरफ्तार किए गए । ढाई साल बाद १९४५ में जेल से रिहा हुए।
  • वर्धा के महिला आश्रम में अध्यापन।
  • प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका 'कल्पना' का संपादन (१९५२-५५, हैदराबाद)।
  • बंबई में आकाशवाणी के प्रोड्यूसर।
  • 'संपूर्ण गांधी वाङ्मय' का संपादन १९५८ से।
  • 'भूदान', 'गांधी मार्ग' जैसी पत्रिकाओं का संपादन।

कृतियाँ

  • गीतफरोश (१९५३)
  • चकित है दुःख (१९६८)
  • अंधेरी कविताएँ (१९६८)
  • गांधी पंचशती (१९६९)
  • बुनी हुई रस्सी (१९७१)
  • खुशबू के शिलालेख (१९७३)
  • व्यक्तिगत (१९७४)
  • अनाम तुम आते हो (१९७६)
  • परिवर्तन जिए (१९७६)
  • इदं न मम (१९७७)
  • त्रिकाल संध्या (१९७७)
  • कालजयी (खंडकाव्य) (१९७८)
  • मानसरोवर दिन (१९८०)
  • शरीर, कविता, फसलें और फूल (१९८४)
  • तुकों के खेल (बाल कविताएँ)
  • जिन्होंने मुझे रचा (संस्मरण)

भवानीप्रसाद मिश्र जी की कविता सागर पर प्रेषित हुई रचनाएँ :

दरिंदा
जाहिल मेरे बाने
बेदर्द
आराम से भाई ज़िन्दगी
चार कौए उर्फ चार हौए

2 टिप्पणियाँ:

8:45 pm पर, Blogger Emily Katie ने कहा ...

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2:59 am पर, Blogger Rossie ने कहा ...

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