भवानीप्रसाद मिश्र
(२९ मार्च १९१३ - २० फरवरी १९८५)
- आरंभिक शिक्षा होशंगाबाद में।
- बी. ए. किया जबलपुर के राबर्टसन कॉलेज से।
- 'भारत छोड़ो आंदोलन' (१९४२) के दौरान १३ अगस्त को बैतूल में गिरफ्तार किए गए । ढाई साल बाद १९४५ में जेल से रिहा हुए।
- वर्धा के महिला आश्रम में अध्यापन।
- प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका 'कल्पना' का संपादन (१९५२-५५, हैदराबाद)।
- बंबई में आकाशवाणी के प्रोड्यूसर।
- 'संपूर्ण गांधी वाङ्मय' का संपादन १९५८ से।
- 'भूदान', 'गांधी मार्ग' जैसी पत्रिकाओं का संपादन।
कृतियाँ
- गीतफरोश (१९५३)
- चकित है दुःख (१९६८)
- अंधेरी कविताएँ (१९६८)
- गांधी पंचशती (१९६९)
- बुनी हुई रस्सी (१९७१)
- खुशबू के शिलालेख (१९७३)
- व्यक्तिगत (१९७४)
- अनाम तुम आते हो (१९७६)
- परिवर्तन जिए (१९७६)
- इदं न मम (१९७७)
- त्रिकाल संध्या (१९७७)
- कालजयी (खंडकाव्य) (१९७८)
- मानसरोवर दिन (१९८०)
- शरीर, कविता, फसलें और फूल (१९८४)
- तुकों के खेल (बाल कविताएँ)
- जिन्होंने मुझे रचा (संस्मरण)
भवानीप्रसाद मिश्र जी की कविता सागर पर प्रेषित हुई रचनाएँ :
दरिंदा
जाहिल मेरे बाने
बेदर्द
आराम से भाई ज़िन्दगी
चार कौए उर्फ चार हौए
2 टिप्पणियाँ:
Order Online Gifts for Him
Send Cakes to India for your loved ones staying in India and suprise them !
टिप्पणी करें
<< मुखपृष्ट