शनिवार, फ़रवरी 19, 2005

शिवमंगल सिंह सुमन

(५ अगस्त १९१५ - २००२)

शिवमंगल सिंह सुमन जी की कविता सागर पर प्रेषित हुई रचनाएँ :

असमंजस

पतवार
सूनी साँझ
विवशता
मैं बढ़ा ही जा रहा हूँ
आभार
पर आँखें नहीं भरीं
मृत्तिका दीप
जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी (१)
जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी (२)
जल रहे हैं दीप, जलती है जवानी (३)