रविवार, अगस्त 08, 2004

एक बार आ जाओ प्रिये

वेग तीव्र है आज पवन का
सूर्य किरण नोकीली है,
राही दुर्बल ओ' प्यासा है
राह बड़ी पथरीली है,
बरगद की ठंड़ी छाया सा
आंचल अपना फैलाओ प्रिये,
बस एक बार आ जाओ प्रिये ।

मेरे जीवन के कुरुक्षेत्र में
दुविधा के बादल घिरे हुए,
भय की चीखों से, अंधकार में
मन के सब अर्जुन डरे हुए,
कृष्ण-वाणी का सूरज बन
हर संशय आज मिटाओ प्रिये,
बस एक बार आ जाओ प्रिये ।

चित्रकार ने रंगी नहीं जो
शिल्पकार ने गढ़ी नहीं जो,
लेखक के अगिनत शब्दों में
जग ने अब तक पढ़ी नहीं जो,
कवि की सूखी उस कल्पना को
प्राणों से भर जाओ प्रिये,
बस एक बार आ जाओ प्रिये ।

- मुनीश

(शेष और भी...)


3 टिप्पणियाँ:

12:11 pm पर, Blogger Emily Katie ने कहा ...

Gifts to India Online Delivery

 
2:10 am पर, Blogger Daisy ने कहा ...

You can Send Birthday Gifts to India Online for your loved ones staying in India and suprise them !

 
2:35 am पर, Blogger Rossie ने कहा ...

Online Cakes Delivery for your loved ones staying in India and suprise them !

 

टिप्पणी करें

<< मुखपृष्ट