जी-मेल
मित्रो,
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आपका मित्र कवितारसिक,
मुनीश
6 टिप्पणियाँ:
प्रिय मित्र मुनीश,
तुम्हारी हिन्दी इतनी सुन्दर होगी, येह मालुम न था. जानकर प्रसन्नता हुई । लगे रहो..
सुरम्य
bahut khoob.. Jawaab nahi aapka -
aapka mitra eVam shubh-chintak, Ravinder Pal
अरे मुनीश ,
आमच्यासारख्या मराठी माणसान्नी कशा काय वाचाव्यात बरे हिन्दी कविता? का अशा लिन्क्स पाठवतोस?
मिहिर
dear munish ji,
agar kisi ke pass mail account, nahi hai to vo aapke gmail account pe kaise kavita bhej sakta hai
Gift Online India for your loved ones staying in India and suprise them !
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