सोमवार, जून 07, 2004

प्रणाम

हिन्दी भाषा के सभी प्रेमियों को सादर प्रणाम ।

कई वर्षों से विदेश में रहने के कारण अपनी भाषा से जैसे नाता टूट ही गया था । दफ़्तर में अंग्रेज़ी, दुकान में अंग्रेज़ी, भोजनालयों में अंग्रेज़ी हर तरफ़ अंग्रेज़ी का ऐसा बोलबाला था, कि हिन्दी वर्णमाला तक स्मृतिपटल से मिट गयी । वैसे इसके पीछे मेरे मराठी भाषित मित्रों का भी बहुत बडा योगदान है (जो शायद ये पढकर ठहाके मार कर हँस रहे होंगे) जिनकी 'सु'-संगति में मेरी हिन्दी कब मराठी, मुम्बईया और 'फ़िल्मैया' का मिश्रण बनी पता ही नहीं चला ।

खैर, कुछ दिनों पहले एक मित्र ने बरहा नामक वेबसाइट से मेरा परिचय कराया (धन्यवाद समीर) जिसके द्वारा भारतीय भाषाओं में ब्लोग्स अर्थात चिट्ठे लिखने एवं वेब पर प्रकाशित करने (धन्यवाद ब्लोगर) की आसान तकनीक मालूम हुई। उसके पश्चात जो ढूंढना आरम्भ किया तो अन्य बहुत सारे चिट्ठों और वेबसाइट्स के बारे में पता चला जो इस यूनीकोड तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।

तो बस श्रीमान हिन्दी कविता के प्रेमवश एवं अपने सुप्त, और सम्भवतः लुप्त, हिन्दी भाषा ज्ञान को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से इस नये चिट्ठे की शुरुआत की है । आशा करता हूं कि इस चिट्ठे के माध्यम से हिन्दी भाषा के आनंद से वंचित पाठकों के साथ कविताम्रत का रसपान कर सकूंगा ।

आपका मित्र कवितारसिक,
मुनीश

2 टिप्पणियाँ:

1:16 am पर, Blogger debashish ने कहा ...

हिन्दी ब्लॉगजगत में स्वागत! पता किजिएगा कि आपके प्रयास में कहीं कॉपीराईट का अनजाने ही उल्लंघन तो नहीं हो रहा। वैसे आपकी मौलिक रचनाओं और चिट्ठों की भी प्रतीक्षा रहेगी :)

 
2:47 am पर, Blogger Daisy ने कहा ...

Valentine Gifts for Her
Valentine Gifts for Him
Chocolate Day Gifts
Rose Day Gifts
Propose Day Gifts

 

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